www.hamarivani.com

Tuesday, 24 May 2011

ख्वाहिशें

दिल हुआ है ख्वाहिशों की एक किताब ,
बढ़  रहे है  बरक़  जिसके  बेहिसाब .
कर सकूँ  महसूस  तुझको  जिंदगी,
हाथों में हो हाथ   मेरा इतना ख्वाब.
बात दिल की आज कह दूँ साकी तुझसे,
अब पिला आँखों से बस अपनी शराब.
तेरे  सदके  में   मिटा  मेरा  वजूद,
मै  हुआ  जर्रा  हुई  तू   माहताब.